Tuesday, July 14, 2015

बरसों की प्यार ,मोहब्बत की ईटों की चुनाई
बड़े फख्र से बनाते रहे मंजिल दर मंजिलें
इतराते रहे जिस मकां की बुनियाद पर जिंदगी भर
वो तो थी खोखली ,दीमक से भरपूर
सब प्यार ,रिश्ते थे खोखले ,बेमानी
सिर्फ मतलब और स्वार्थ पर खड़ी थीं वो मंजिले
गिरना तो था ही उनकी नियति ,
मकां बनाते वक्त ठोस नीव की होती है सख्त जरूरत
हमसे हुई है गलती ,उसका खाम्याजा भुगत रहे है आज तक 

Sunday, July 12, 2015

हे माधव आज है हमारी अर्ज आपसे अनोखी और न्यारी
किसी की किस्मत और झोली भर देते हो आप लबालब
सम्पूर्ण सुख ,ऐश्वर्य ,स्वास्थ्य से अत्यंत भारी
लगभग पूरी उम्र निकल ही जाती है बिन दुःख ,तकलीफ
या कुछ छोटे -मोटे मसलों के के मुरारी
पर कभी तो इतनी मितव्यता ,कृपणता कर जाते हो माधव
कि कलेजा भी हार जाता है दर्द ,तकलीफों को देखकर
तन ,धन ,रंग -रूप बाँटने में ज्यादा ना किया करो पक्षपात
थोड़ी बहुत उंच -नीच तो वाजिब है ,हो ही जाती है
पर इतनी भिन्नता ना रखा करो त्रिपुरारी
ऐश्वर्य ,सम्पन्त्ता तो ना खलती हैं माधव
पर भूख ,गरीबी ,बीमारी को देखकर तुमसे कर डाली है अर्ज
थोडा सा कर दो अपनी लीलाओं में बदलाव
दिखा दो दुनिया को अपनी लीला न्यारी 

Saturday, July 4, 2015

दिल जैसी बड़ी अजीब शै है खुदा ने खूब बनाई
जिस्म ,रूह सभी पर है इसका बखूबी कब्ज़ा भाई
यह खुश तो सभी अंगों पर रहती है बाहर खूब छाई
दुखी दिल तो सारी कायनात के सुकूं भी निराधार हैं भाई
आँखों को भी यह कमबख्त वही है दिखता जो खुद देखना चाहें है भाई 
तन के घावों का उपचार तो हकीम -वैध कर देवे
पर दिल की चोटों का नहीं है धरा पर कोई इलाज है भाई
बड़ी कीमती ,बेमिसाल सौगात बक्शी है ईश्वर ने हमको
इस दिल की मुकम्मल देखभाल करो मेरे भाई