Sunday, July 12, 2015

हे माधव आज है हमारी अर्ज आपसे अनोखी और न्यारी
किसी की किस्मत और झोली भर देते हो आप लबालब
सम्पूर्ण सुख ,ऐश्वर्य ,स्वास्थ्य से अत्यंत भारी
लगभग पूरी उम्र निकल ही जाती है बिन दुःख ,तकलीफ
या कुछ छोटे -मोटे मसलों के के मुरारी
पर कभी तो इतनी मितव्यता ,कृपणता कर जाते हो माधव
कि कलेजा भी हार जाता है दर्द ,तकलीफों को देखकर
तन ,धन ,रंग -रूप बाँटने में ज्यादा ना किया करो पक्षपात
थोड़ी बहुत उंच -नीच तो वाजिब है ,हो ही जाती है
पर इतनी भिन्नता ना रखा करो त्रिपुरारी
ऐश्वर्य ,सम्पन्त्ता तो ना खलती हैं माधव
पर भूख ,गरीबी ,बीमारी को देखकर तुमसे कर डाली है अर्ज
थोडा सा कर दो अपनी लीलाओं में बदलाव
दिखा दो दुनिया को अपनी लीला न्यारी 

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